अमेरिकी राजनयिक ने कहाः आतंकवाद के खिलाफ और ठोस कदम उठाए पाकिस्तान

आतंकवाद के खिलाफ ट्रंप प्रशासन इस्लामाबाद पर लगातार दबाव बनाता रहा है. अमेरिका चाहता है कि पाक अपनी धरती से संचालित होने वाले आतंकी समूहों को खत्म करने के लिए विश्वसनीय कदम उठाए, एक शीर्ष अमेरिकी राजनयिक ने आतंकवाद के खिलाफ उठाए कदमों के बारे में कहा कि आतंकी हाफिज सईद की सजा महत्वपूर्ण है लेकिन यह अपरिवर्तनीय नहीं है.
अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन की नई रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान अभी भी तालिबान और हक्कानी नेटवर्क को सपोर्ट कर रहा है. पाकिस्तान के आतंकवाद विरोधी कदम महत्वपूर्ण हैं लेकिन यह अपरिवर्तनीय नहीं हैं. इस बीच एक शीर्ष अमेरिकी राजनयिक ने पाकिस्तान से कहा है कि वह और ठोस कदम उठाए.
ट्रंप प्रशासन इस्लामाबाद पर लगातार दबाव बना रहा है कि वह अपनी धरती से संचालित होने वाले आतंकी समूहों को खत्म करने के लिए ‘विश्वसनीय कदम’ उठाए, एक शीर्ष अमेरिकी राजनयिक ने इस्लामाबाद की ओर से हाल में आतंकवाद के खिलाफ उठाए कदमों के बारे में बताते कहा कि जेयूडी प्रमुख और आतंकी हाफिज सईद की सजा महत्वपूर्ण है लेकिन यह अपरिवर्तनीय नहीं है.
‘तनाव कम करने के लिए व्यवहारिक कदम जरूरी’
अटलांटिक काउंसिल द्वारा आयोजित वर्चुअल चर्चा में हिस्सा लेते हुए, दक्षिण और मध्य एशियाई मामलों के निवर्तमान प्रधान उप सहायक सचिव एलिस वेल्स ने कहा कि अमेरिका उन व्यावहारिक कदमों का समर्थन करता है जो भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय तनाव को कम करने के लिए उठाए जा सकते हैं.
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उन्होंने कहा कि हाल ही में आतंकवाद-विरोधी कदमों का पाकिस्तान की ओर से कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए लेकिन यह अपरिवर्तनीय नहीं है.
वेल्स ने बुधवार को वाशिंगटन डीसी के एक थिंक टैंक की ओर से आयोजित सत्र में कहा, ‘मैं इन कदमों को अपरिवर्तनीय नहीं मानती, लेकिन वे महत्वपूर्ण कदम जरूर हैं. चाहे वह (JuD प्रमुख) हाफिज सईद के अभियोजन और दोषसिद्धि तथा संपत्ति की जब्ती का मामला हो, निश्चित रूप से हमने जो प्रलेखन देखा है वो बेहतर प्रलेखन है. हमें इस पर और ध्यान रखने तथा अपने अंतरराष्ट्रीय सहयोगियों के साथ काम करने की जरुरत है.’
भारत में अमेरिका के पूर्व राजदूत रिचर्ड वर्मा के साथ चर्चा में भाग लेते हुए वेल्स ने यह भी कहा कि ट्रंप प्रशासन तनाव कम करने के लिए भारत और पाकिस्तान के लिए व्यावहारिक कदमों को प्रोत्साहित करना जारी रखे हुए है.
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उन्होंने कहा कि हम निश्चित रूप से हम उन व्यावहारिक कदमों का समर्थन करते हैं, जो भारत और पाकिस्तान के बीच 2003 में लाइन ऑफ कंट्रोल (एलओसी) सीजफायर उल्लंघन के बाद बने तनाव को कम कर सकते हैं. साथ ही पाकिस्तान को आतंकी संगठनों को खत्म करने के लिहाज से जरुरी कदम उठाना जारी रखा जाना चाहिए.
नवंबर 2003 में युद्धविराम समझौता
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में 26 नवंबर 2003 को भारत सरकार ने जम्मू-कश्मीर में एलओसी पर पाकिस्तान के साथ सीमा पर युद्धविराम समझौता किया था. उन्होंने कहा कि भारत-पाक हाइफनेशन अब केवल इतिहास की किताबों में पाया जाता है.
अमेरिका 20 करोड़ की आबादी वाले परमाणु संपन्न देश पाकिस्तान को एक महत्वपूर्ण साझीदारी मानता है. बतौर अहम साझीदार एलिस वेल्स ने कहा कि ट्रंप प्रशासन आतंकवाद के मुद्दे को खत्म करने के मामले में अंधा नहीं है. उन्होंने कहा कि ट्रंप प्रशासन का आतंकवाद को लेकर बहुत कड़ा रुख है.