पेंशन सेटलमेंट
पेंशन, एक कर्मचारी के रिटायरमेंट के बाद जीवन की स्थिरता का महत्वपूर्ण हिस्सा होती है। इसे आम भाषा में ‘बुढ़ापे की लाठी’ भी कहा जाता है, जो वृद्धावस्था में सुरक्षा का अहसास कराती है। लेकिन कई बार पेंशन समय पर न मिलने की स्थिति में पेंशनभोगियों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। अब केंद्रीय कर्मचारियों के लिए एक खुशखबरी है—सरकार ने पेंशन सेटेलमेंट में होने वाली देरी को खत्म करने के लिए ठोस कदम उठाए हैं।
सरकार का सख्त आदेश
केंद्र सरकार ने पेंशन मामलों में हो रही देरी को लेकर गंभीरता दिखाई है। वित्त मंत्रालय ने केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड को एक ज्ञापन सौंपा है जिसमें सीसीएस (पेंशन) नियम, 2021 के तहत निर्धारित टाइमलाइन का सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया गया है। इस ज्ञापन के अनुसार, रिटायरमेंट के कुछ दिनों में पेंशन सेटलमेंट प्रक्रिया को समय पर पूरा करने की सलाह दी गई है।
पेंशन निपटान की प्रक्रिया
केंद्रीय कर्मचारियों को अपनी रिटायरमेंट के एक साल पहले से सेवा अभिलेखों का सत्यापन और अन्य प्रारंभिक कार्य शुरू कर देना चाहिए। इसके अलावा, रिटायरमेंट के 6 महीने पहले कार्यालय प्रमुख को जरूरी दस्तावेज भेजना अनिवार्य होता है, और 4 महीने पहले पेंशन मामलों को पेंशन लेखा कार्यालयों को भेजना होता है। इन समय-सीमाओं का पालन करना अब अधिक महत्वपूर्ण हो गया है ताकि देरी से बचा जा सके।
फॉर्म 6A की शुरुआत
केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने पेंशन प्रक्रियाओं को सरल बनाने के लिए एक नई पहल की है। उन्होंने 9 अलग-अलग फॉर्म की जगह एक नया फॉर्म 6A लॉन्च किया है। इसके साथ ही, भविष्य में E-HRMS के साथ एकीकरण की भी घोषणा की गई है, जिससे पेंशन संबंधी प्रक्रियाएं और भी आसान हो जाएंगी। फॉर्म 6A जनवरी 2025 से रिटायर होने वाले कर्मचारियों के लिए E-HRMS पर उपलब्ध होगा, जिससे उन्हें पेंशन से संबंधित कार्यों में आसानी होगी।
कर्मचारियों के लिए सलाह
रिटायर होने से पहले कर्मचारियों को यह सलाह दी जाती है कि वे सभी दस्तावेज और आवश्यक कार्य समय पर पूर्ण करें ताकि पेंशन सेटलमेंट में किसी भी प्रकार की देरी न हो। सरकार के इस नए निर्देश और फॉर्म 6A की शुरुआत से केंद्रीय कर्मचारियों को पेंशन से संबंधित प्रक्रियाओं में बड़ी राहत मिलने वाली है।
सरकार द्वारा उठाए गए ये कदम निश्चित रूप से पेंशन भोगियों को समय पर पेंशन मिलना सुनिश्चित करेंगे और भविष्य में पेंशन से संबंधित किसी भी समस्या को सुलझाने में मदद करेंगे। अब केंद्रीय कर्मचारियों को अपने रिटायरमेंट के बाद की पेंशन प्रक्रिया को लेकर अधिक चिंतित रहने की जरूरत नहीं है।